Tuesday, 10 January 2012

कूछ मजां और हि उन्ह्की शायरी का
बगैर उनके शायरी के हमारी मैफिल नही सजती .....
उन्ह्की शायरी पे अगर सुबह LIKE ना करे
तो Mouse कि हमारे , दिनभर Click हि नही चलती .....

बिना LIKE किये माउस कि क्लिक नहीं चलती
बगैर कमेंट दिये हमारी keyboaed भी नहीं चलती ....
हम तो लुट हि जाते है उनकि शायरी कि लाफ्जोन में
बिना साथ उनके , कोई शायरी और मैफिल में कोई फरमाइश भी नहीं चलती ....



वोह खुद को कूछ भी कहे
हम तो उन्हे शायरी के उस्ताद बुलाते है ....
वोह हमारी मैफिलोन मे आये या ना आये
हम तो उन्हीके शायरी से हमारी मैफिल सजाते है ....
 

                ________ शैलेश



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