Tuesday, 10 January 2012

कितना हसीन वोह मंजर होगा , जब तू मेरे साथ होगी ....
क्या खूब वोह अपनी , पहली मुलाकात होगी ....

सच हो जायेंगे तब , सब ख्वाब मेरे
जब तुम मेरे उस वक़्त , आस पास होगी ....

जो थी कल तक सिर्फ सपनों और खयालोन मैन
हात उसका हातोन मैन , और ओठोन पे मुस्कुरात होगी ....

उल्झनो मैन उलझती वोह खंदे पर,  सर रखेगी अपना ...
मेरी अन्खोन से तब ख़ुशी कि बरसात होगी ....

झुकी नजरोन को जब उठयेगी वोह मेरी तरफ
खुदा कसम तब , मौत भी ख़ुशी से कम न होगी ....

खाली दुवा यही करणा दोस्तोन खुदा से तुम इतनी , रोक दे घडी का वोह आलम
जब उसकी धडकन से मेरी धडकन कि , पेहली मुलाकात होगी.....


                                       ________ शैलेश

 

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