Tuesday, 10 January 2012

ना बैचेनी है ना तेरा इन्तजार है ....
ना तू है तो दिल को करार है ....
तेरे जाने से परेशां नहीं हूँ मैं
परेशां होना तो आदत सी बन गई है ......
तेरे जाने का गम नही , मगर जुबाँ खामोश सी हुवी है.......!!!

                       ________ शैलेश



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